रविवार, 27 जनवरी 2013

अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम को तकलीफें




जब कुरैश की हर चाल नाकाम हो गई और उन्होंने देखा कि धमकी और चैलेन्ज का कोई फाइदा नहीं हो रहा है तो अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम के व्यक्तित्व पर हमला तेज़ कर दिया और मुसलामानों को और ज्यादा तकलीफें देनी शुरू कर दी. अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम चूँकि  बहुत इज्ज़त और मर्तबा वाले थे इसलिए कमतर लोग आप को तकलीफ देने की सोच भी नहीं  सकते थे इसलिए आप को तकलीफ देने का बीड़ा कुरैश के बड़े लोगों ने उठाया ,जिनमें अबुजहल आप का सब से बड़ा दुश्मन था और आप को तरह तरह से सताया करता था. आप को नमाज़ पढने से रोकता आप के खिलाफ तरह तरह के हीले और तदबीरें करता और अपने किये पर फख्र करता और खुश होता ,एक रोज़ इसने जब आप अबूबकर और उस्मान रज़ी अल्ल्लाहो अन्होमा के साथ काबा का तवाफ़ कर रहे थे कपडे से आप का गला घोंट कर आप को मारना चाहा तो उस्मान रज़ी अल्ल्लाहो अंहो ने उसे धक्का दे कर आप से अलग किया .
आप एक दिन ज़ुल मजाज़ नामी बाज़ार में लोगों को दावत दे रहे थे और लोगों को कह रहे थे :" ऐ लोगों ! ला ईलाह इलल्लाह (अर्थात : अल्लाह के इलावा कोई भी सच्ची पूजा के लायेक नहीं है) कहो कामयाब हो जाओगे"  और आप के पीछे अबू जहल आप पर रेत  डाल रहा था और कहे जा रहा था लोगों !यह आदमी तुम को तुम्हारे धर्म से भटका देगा , यह चाहता है कि  तुम लोग  लात और उज्ज़ा की पूजा करनी छोड़ दो .
एक रोज़ मक्का के मुशरेकीन से आप की लम्बी बात हुई और जब आप उनके पास से वापस आये तो अबुजहल ने कहा: ऐ कुरैश के लोगो ! मुहम्मद ने हमारी हर बात से इनकार कर दिया है, हमारे धर्म को ऐब लगाता है ,हमारे देवताओं को बुरा भला कहता है, मैं तुम सब के सामने अहद करता हूँ कि कल मैं जब वोह सजदा करेगा तो उसका सिर पत्थर से कुचल दूंगा ,उसके बाद बनू अब्दे मुनाफ को जो समझ में आये हमारे खिलाफ करे .
अगले  दिन  सुबह के समय अबुजहल खाना काबा के पास पत्थर ले कर  बैठ गया और नबी करीम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम रुकने अस्वद और रुकने यमानी के दरमियान नमाज़ पढ़ने लगे कुरैश के लोग अपनी मजलिसों में बैठ कर देखने लगे कि  क्या होता है ,जब रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम ने सजदा  किया तो अबुजहल पत्थर ले कर आप की तरफ बढ़ने लगायहाँ तक कि जब आप के करीब पहुंचा तो निहायत ही खौफज़दा हो कर वापस भागा उसके चेहरे का रंग बदला हुआ था और उसके दोनों हाथ पत्थर पर जमे हुए थे  फिर उसने पत्थर को दूर फ़ेंक दिया .
कुरैश के लोगों ने पूछा : किया हुआ ? तो उस ने कहा: मैं अपने वादे के अनुसार मुहम्मद का सर कुचलने के लिए आगे बढ़ा जब उसके समीप पहुंचा तो मेरे सामने एक निहायत ही डरावना ऊँट आ गया अल्लाह की क़सम मैं ने ज़िन्दगी में कभी भी उसके जैसा सर ,गर्दन और दांत नहीं देखा ,वोह मुझे खा जाना चाहता था .
एक रिवायत में है कि  वोह अल्लाह के फ़रिश्ते जिब्रील अलैहिस्सलाम थे ,अगर वोह आप से करीब होता तो उसे पकड़ लेते .
इस तरह की और भी बहुत सी रिवायतें हैं जिन में है कि अबुजहल आप के सर को कुचलने के लिया बढ़ा लेकिन फरिश्तों के खौफ से उसे वापस भागना पड़ा.
आप सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम को सताने वालों में सब से बड़ा नाम अबू लहब का है जो आप का अपना चचा था ,जिस रोज़ आप ने अपनी नबूवत का एलान किया उसी दिन से यह आप के पीछे पड़  गया उसकी इस साज़िश में उसकी भेंगी बीवी उम्मे जमील भी बढ़ चढ़ कर भाग लेती आप सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम और आप के साथियों की राह में कांटे दार झाड़ियाँ  डाल देती ताकि उनकी पावों  में चुभे। 
आप सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम की दो बेटियों रोकैय्या और उम्मे कुलसूम का  विहाह अबुलहब के बेटों उत्बा और ओतैबा के साथ हुआ था अबुजहल के कहने पर उसने उन दोनों को तलाक़ दिलवा दिया .एक रोज़ जब सुरह लहब नाजिल हुई तो उम्मे जमील गुस्से में हाथ में रेत  लेकर  आप को तलाश करने लगी आप अबूबकर रज़ी अल्लाहो अंहो  के साथ काबा के समीप बैठे हुए थे वोह आई और अबूबकर रज़ी अल्लाहो अंहो  से पूछने लगी तुम्हारा दोस्त कहाँ है ? मैं ने सूना है कि वह मेरी बुराई करता है , अगर मिल गया तो उसके चेहरे पर यह रेत मार दूंगी .फिर वह चली गई अल्लाह ने उसकी आँखों पर पर्दा डाल दिया था कि आप सामने होते हुए भी उसको नज़र नहीं आये . 
उन्हीं सताने वालों में से उक़बा बिन मोईत  भी था जिसने कुरैश के लोगों की मौजूदगी में आप की पीठ पर जबकि आप सजदा में थे ऊँट की भारी ओझड़ी   रख दी जिस से आप हिल नहीं सकते थे कुरैश के लोग यह सब कुछ देखते रहे और आप सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम उसी तरह सजदे में पड़े रहे फिर आप की छोटी बेटी फातिमा रज़ी अल्ल्लाहो अन्हा ने आकर उस ओझड़ी को आप की पीठ से हटाया .
उसी वक़्त आप ने कहा :"ऐ अल्लाह !कुरैश के इन सरदारों से तू निमट ले" फिर आप ने एक एक का नाम लिया :"ऐ अलाह तू फलाने से निमट  ले .ऐ अलाह तू फलाने से निमट ले ........" उन में से जिनका भी आप ने नाम लिया सब के सब बदर की लड़ाई में बुरी तरह मारे गए . 
इसी उक़्बा बिन मोईत ने एक बार गला घोंट कर आप को मारने की कोशीश की थी उसी समय वहां पर अबूबकर रज़ी अल्लाहो अंहो  आ गये और उसको आप से अलग किया. 
इनके अलावा कुरैश के बहुत सारे बड़े लोग और भी थे जो अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम और आप के साथियों का मजाक उड़ाते ,उनको तंग करते ,इस्लाम और मुसलामानों पर तरह तरह का इलज़ाम लगाते, मुसलमानों पर सख्ती करते ,उनको भूका और प्यासा रखते उनको रस्सियों से बाँध कर जलती और तपती रेत  पर डाल देते बाहर से आने वाले लोगों को अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम की बात सुनने से रोकते ,और कहते के वह जादूगर है,अर्थात इनलोगों ने उन पर ज़ुल्म और अन्याय की इन्तेहा कर दी. इनलोगों में से  मशहूर : आस बिन वाएल,अस्वद बिन मुत्तलिब ,अस्वद बिन अब्दे यगूस, वलीद बिन मोगीरा ,हारिस बिन क़ैस, नज्र  बिन हारिस  आदि थे  जिनको अल्लाह तआला  ने भिन्न तरीकों से हेलाक और बर्बाद कर दिया। 

                          *************                                   

1 टिप्पणी:

  1. You are so cool! I don't suppose I've truly read anything like that before.

    So nice to find another person with some genuine thoughts on
    this topic. Really.. thanks for starting this up.
    This web site is one thing that's needed on the internet, someone with some originality!

    Have a look at my web page Www.Erovilla.Com

    जवाब देंहटाएं