सोमवार, 13 सितंबर 2010

नबूवत मिलने से पहले आप सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम की जीवन शैली तथा आप का व्यक्तित्व

आप बचपन से सहीह सोंच ,मज़बूत समझ तथा स्वक्ष स्वभाव वाले व्यक्तित्व के मालिक थे आप के अन्दर हर अच्छा गुण था , नैतिकता तथा आचार विचार में उच्च स्थान पर थे आपकी अमानतदारी . सत्यता , शिष्टाचार , उदारता , साहस , बहादुरी , न्याय, बुद्धिमत्ता ,पाकदामनी ,धैर्य ,शुक्र ,शर्म ,वफादारी ,नम्रता आदि स्वर्णिम आदतें प्रसिद्ध थीं तथा उनका उदहारण दिया जाता था . दान पुण्य में भी आप उच्च स्थान पर थे.आप रिश्तेदारियां निभाते ,लोगों का बोझ उठाते ,ग़रीबों की सहायता करते ,बेसहारों को सहारा देते ,अतिथि का भाव आदर करते ,आपदा ग्रस्तों की मदद करते तथा विधवाओं की सहायता करते . आप ने कभी कोई असत्य बात नहीं कही , आल्लाह तआला आप को अपनी संरक्षण में ले रक्खा था आप कोई ऐसा कार्य नहीं करते जो अल्लाह की मंशा के विरुद्ध हो इसीलिए आप की क़ौम में जो अराजकता तथा बदअमली और अंधविश्वास फैला हुआ था उस से आप काफी दूर थे आप ने कभी किसी मेले या शिर्क के उत्सवों में भाग नहीं लिया , कभी किसी मूर्ति पर चढ़ाई गई या अल्लाह के अतिरिक्त किसी के लिए ख़ास की गयी वस्तु का सेवन नहीं किया और न ही बुतों एवं मूर्तियों के पास बलि दिए गए या ज़बह किये गए जीव का सेवन किया , कभी किसी मूर्ति का स्पर्श नहीं किया और नहीं उस से आस्था रखी और उस के करीब गए , आप लात तथा उज्ज़ा जैसे बुतों की सौगंध को सुनना भी बर्दाश्त नहीं करते . इसी तरह आप मदिरा तथा मनोरंजन एवं कथाओं की मजलिसों से काफी दूर थे जो उस युग में बहुत ज्यादा होते थे और युवा पीढ़ी बढ़ चढ़ कर उनमें भाग लेती थी