मंगलवार, 22 जून 2010

माता की छत्रछाया में

हलीमा के यहाँ से आने के उपरांत लगभग दो वर्ष आपने अपनी माता की छत्रछाया में अपने परिवार में बिताया फिर आप की माता आप को लेकर उम्मे अयमन के संग अपने मैके मदीना गईं जहाँ उनके पति अब्दुल्लाह की क़ब्र भी थी, मदीना में एक मास ठहरने के बाद मक्का के लिए लौट गयीं वापसी में मक्का एवम् मदीना के बीच में अबवा नामी स्थान पर बीमार हुईं तथा वहीं उनका देहांत हो गया , और वहीं दफ़ना दी गयीं . आप उम्मे अयमन के साथ मक्का वापस आ गये. अब आप माँ  और बाप दोनों की तरफ से अनाथ हो चुके थे                

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