शनिवार, 12 दिसंबर 2009

सामाजिक स्थिति

अरब समाज पुर्णतः तिन भागों में बंटा हुआ था
प्रथम : यह वोह लोग थे जो कबीले के असल पुत्र होते थे एवं कबीले की एक आवाज़ पे मैदान में कूद पड़ते थे
दितिए : कबीले के आजाद किए हुए लोग जिन्हें मवाली कहा जाता था इनके अधिकार भी कबीले के सदस्यों की तरह हुआ करते थे
तृतिय : गुलामों का वर्ग उस समय के क़बाईली समाज में ऐसे लोगों की खासी तादाद हुआ करती थी , ये बहुत से मानव अधिकारों से वंचित हुआ करते थे एवं अपने अकावों और मालिकों की तरफ से बहुत सारी ज़िम्मादारिओं के बोझ तले दबे होते थे यही गुलाम वोह छोटे काम भी किया करते थे जिनको करना अरब अपने लिए शर्म की बात समझते थे जैसे : ऊंट बकरिओं की चरवाही , लोहार ,बढ़ई एवं पछ्नी लगाने का काम

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