व्यापार अरब के जीवन का एक मज़बूत आधार था जिस से वह अपने जीवन कि ज़रूरतों को पूर्ण किया करते, थे लेकिन पुरे दीप में शांति के आभाव में व्यापार को तरक्की देना एक मुश्किल काम था, अलबत्ता हराम महीनों में यह अपने व्यापार में लग जाते थे जिन में उनके यहाँ लडाई एवं लूटपाट निषेध था, इन्हीं महीनों में इनका मशहूर बाज़ार ओकाज़ , जील्माजाज़ एवं मेजन्नाह लगता था
उद्योग में भी यह दोसरी कौमों से अति पिछडे हुए थे हीरा, सिरिया एवं येमन के कुछ भागों में बुनकारी और रंगरेजी आम थी खेती एवं मवेशिपालन इनका असल काम था जिनसे इनका जीवन व्यतीत होता था, वरन आम तौर पर इनका जीवन ग़रीबी एवं मुहताजी में ही व्यतीत होता था
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