सोमवार, 23 अप्रैल 2012

इस्लामी दावत को रोकने का प्रयास और उसके तरीके


जब हज ख़तम  हो गया और लोग अपने घरों को लौट गए तो मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम की दावत से रोकने और उसे जड़ से उखाड़ने के लिए उन लोगों ने भिन्न तरीके इख्तेयार करने आरम्भ कर दिए जिनमें से कुछ निम्न हैं :
पहला:उपहास और मज़ाक़ उड़ाना:जिस से अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम और मुसलामानों की बेइज्ज़ती करना मक़सद होता था.
दुसरा:लोगों को आप की बातें सुनने से रोकने का अन्थक प्रयास :जहां जहां आप लोगों को इस्लाम की दावत देने जाते यह लोग आप के पीछे लग जाते और लोगों को आप की बात सुनने से रोकते ,जब आप क़ुरआन  मजीद की तिलावत करते तो यह लोग क़ुरआन को भी गाली देते ,  नज़र बिन हारिस शाम (सिरिया ) जाकर कुछ कथाएँ और कहानियां सीख कर आया जिसे  वह लोग अपने राजाओं तथा पूर्वजों के बारे में ब्यान करते थे और मक्का में आकर उन्हें ब्यान करने लगा और लोगों को आप की मजलिसों में बैठने से रोकने लगा . उसने एक और चाल चली , एक  गाने वाली लौंडी खरीद कर लाया और जिसके बारे में भी सुनता कि वह इस्लाम लाना चाहता है उसे  पकड़ कर उस लौंडी के पास ले जाता और उसे कहता कि  इसे खिलाओ पिलाओ और  गा कर सुनाओ क्योंकि यह मुहम्मद की बातों से अच्छा है . 
तीसरा:झूटे प्रचार और संदेह उत्पन्न करना:इस्लाम और उस से सम्बंधित हर चीज़ के बारे में उन लोगों ने अपनी तरफ से गढ़ कर झूटी बातें करनी आरंभ कर दी कभी कहते कि:यह जो  क़ुरआन है वह एक झुटा सपना है जिसे रात में मुहम्मद देखता है और दिन में ब्यान करता है ,कभी कहते: इसने खुद गढ़ कर क़ुरआन बनाया है ,कभी कहते:इस को कोई आदमी सिखाता है , कभी कहते: जिस तरह जादूगरों को जिन्न और शैतान कुछ बातें सिखाते हैं इसी तरह मुहम्मद को भी सिखाते हैं, कभी कहते:मुहम्मद को पागलपन का दौरा पड़ता है और जो कुछ उसके ज़ेहन और दीमाग में आता है उसे अपने शब्दों में ब्यान करता है, जैसे शायेर लोग करते अतः वह शायेर है और उसकी बातें शायेरी है.
चौथा:बे फ़ायेदा बहस और आपत्तियां:दीन और दुनिया के बारे मैं जो भी बातें और शिक्षा लोगों को देते उन में तरह तरह के ऐब निकालते और अजीब तरह के प्रश्न पूछते ,कभी आत्मा के बारे में पूछते ,कभी तौहीद के बारे में तअज्जुब करते ,कभी मरकर दोबारा ज़िंदा किये जाने पर सवाल उठाते ,कभी मुसलमानों को अपने देवी देवताओं के प्रकोप से डराते , कभी कहते कि अपने अल्लाह से कहो कि तुम्हारी मदद के लिए कोई फ़रिश्ता भेजे कभी  किसी चमत्कार  का मोतालबा करते , इस तरह मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम की दावत को रोकने का हर जतन करते.

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