मंगलवार, 3 अगस्त 2010

खदीजा के व्यापार के लिए शाम की यात्रा

खोवैलिद की पुत्री खदीजा रज़ियल्लाहो अन्हा क़बीला क़ुरैश में सम्मानित तथा धन दौलत के हिसाब से उच्च स्थान पर थीं, व्यापारियों को मज़दूरी देकर अपना सामान व्यापार के लिए दूसरे देशों में भेजा करतीं, अल्लाह के रसुल सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम की सत्यता एवम् ईमानदारी के बारे में भी बहुत कुछ सुन रखा था, अतः उन्हों ने आप को बुला कर दोसरों से अधिक उजरत पर अपने सामान मे व्यापार की पेशकश की अतः आप खदीजा के गुलाम मैसरा के संग उनका माल लेकर शाम की यात्रा पर निकले और उसके अंदर व्यापार किया तथा व्यापार में खूब ज़्यादा लाभ हुआ, इस से पहले इतना लाभ नहीं हुआ था , व्यापार के उपरांत आप मक्का वापस आए और खदीजा को उनकी अमानत लौटा दी
खदीजा रज़ियल्लाहो अन्हा के गुलाम मैसरा ने उनको अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम की सत्यता , अमानत दारी एवम् आप के अच्छे चरित्र के बारे में बताया तो ऊन के दिल में आप से विवाह की इक्षा पैदा हुई तथा आप को विवाह का आमंतरण भेजा

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