मंगलवार, 18 फ़रवरी 2014

अनोखी पेशकश


ऊमर  और हमज़ा  रजिअल्लाहो  अन्हुमा के इस्लाम लाने से मुसलमानों को जो ताक़त और हौसला मिला उसे देखते हुए मुशरेकीन ने एक मीटिंग बुलाई ताकि मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम और मुसलामानों के बारे में कोई उचित फैसला कर सकें, उस मजलिस में उतबा बिन रबीआ जो कि अपनी क़ौम का एक रसूखदार और पहुंच वाला व्यक्ति था ने कहा:क्यूँ न मैं मुहम्मद(सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम) से बात करूं  और कुछ पेशकश करूं शायद उनमें से कुछ मान ले और हमारे खिलाफ कुछ न कहे। लोगों ने कहा ठीक है जाकर बात कीजिये, अतःउतबा बिन रबीआ  अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम के पास गया,(उस समय आप अकेले मस्जिद में बैठे हुए थे) और कहा ऐ भतीजे!तू हम में वंश और खानदान के हिसाब से सब से अच्छे हो, और तुम ने अपनी क़ौम पर एक बहुत बड़ा बोझ लाद दिया है जिस से उनमें फूट पड़ गई है , तुम उनके देवताओं को बुरा कहते हो और उनके बाप दादाओं को काफिर कहते हो ,सुनो मैं तुम्हारे सामने कुछ बातें रखता हूँ शायद तुम उन में से कुछ को स्वीकार कर अपने काम से बाज़ आ जाओ!आप सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम ने कहा :ऐ अबुल वलीद आप बोले मैं सुन रहा हूँ। तो उतबा ने कहना आरम्भ किया :
ऐ भतीजे! तुम अपने धर्म के बदले दौलत चाहते हो तो हम तुम्हे इतनी दौलत देंगे कि तुम सब से ज़यादा मालदार हो जाओगे, और अगर सरदारी चाहते हो तो हम तुम्हे अपना सरदार बना लेंगे और तुम्हारी आज्ञा का पालन करेंगे और अगर राजा बनने कि ख्वाहिश है तो हम तुम्हे अपना राजा बनाने को तैयार हैं , और अगर औरत चाहिए तो कुरैश की जिस औरत से कहो हम तुम्हारा दस विवाह करा देंगे, और अगर तुम्हारे ऊपर जादू हो गया है तो कहो हम दौलत खर्च कर के तुम्हारा पूर्ण ईलाज कराएंगे।
उसके बाद आप सल्लल्लाहो वसल्लम ने कहा:ऐ अबुल वलीद! तुम ने अपनी बात कह ली. उस ने कहा हाँ। आप सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम ने कहा:अब मेरी सुनो, फिर आप ने सुरह सजदा की आयतें तिलावत करना शुरू कर दी तिलावत से फारिग हुए तो उतबा वहाँ से उठ कर अपने साथियों के पास आया लोगों ने जब उसे देखा तो कहा , उतबा जैसा गया था वैसा नहीं कुछ बदला बदला सा है। फिर जब उतबा उनके पास आकर बैठ गया तो उन लोगों ने पूछा उतबा क्या हुआ? तो उसने कहा अल्लाह की सौगंध मैंने जो कलाम(बात) सुना है मैंने कभी नहीं सुनी थी अल्लाह की सौगंध उसकी बातें न कविता है न जादू है और न ही किसी काहिन की बातें हैं, ऐ क़ुरैश के लोगों उसे अपनी हालत पर छोड़ दो अगर अरब के लोग इनको ख़तम कर देते हैं तो तुम्हारा काम हो जाएगा और अगर यह ग़ालिब आते हैं तो  इनकी  हुकूमत तुम्हारी हुकूमत होगी और इनकी इज्ज़त तुम्हारी इज्ज़त होगी और इनको पाकर तुमलोग दुनिया के सब से खुशनसीब लोग होगे। यह सुन कर उनलोगों ने कहा:ऐ अबुल वलीद उसने तुम पर जादू कर दिया है। उतबा ने कहा: यह मेरी राय है ,बाक़ी तुम लोग जो समझो करो।
जब यह लोग आप को वैश्विक लालच देने में नाकाम हुए तो आप को धार्मिक बार्गेनिंग में फंसाने की कोशिश की और कहा कि क्यूँ न हम यह रास्ता निकालें कि आप हमारे देवताओं की एक वर्ष पूजा करें और हम एक साल आप के अल्लाह की पूजा करें इस तरह जो सत्य होगा उसका कुछ भाग हमें मिल जाएगा। उसी समय अल्लाह तआला ने सुरह काफिरून नाज़िल फरमाई जिसका अर्थ है :(ऐ मुहम्मद!आप इनसे कह दीजिये कि ऐ काफिरों!जिन चीज़ों कि तुम पूजा करते हो मैं उनकी पूजा नहीं कर सकता। और जिसकी पूजा मैं करता हूँ तुम उसकी पूजा करने वाले नहीं हो ,और न मैं पूजा करने वाला हूँ जिसकी तुम पूजा करते हो, और न तुम उसकि पूजा करोगे जिसकी मैं पूजा करता हूँ , तुम्हारे लिए तुम्हारा धर्म और मेरे लिए मेरा धर्म) इसी तरह यह आयत भी नाज़िल हुई जिसका अर्थ है :(ऐ मुहम्मद आप (इन से) कह दीजिये:ऐ नादानों तुम लोग मुझे अल्लाह के सिवा कि पूजा का हुक्म देते हो) (सुरह जोमर :३९,६४) इसी तरह यह आयत भी नाज़िल हुई जिसका अर्थ है :(ऐ मुहम्मद आप (इन से ) कह दीजिये :तुम लोग अल्लाह के अलावा जिनकी पूजा करते हो उनकीं पूजा से मुझे रोक दिया गया है )

        

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