मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम को परेशान करने की ख़ातिर मक्का वालों ने नज़्र बिन हारिस और उक़्बा बिन अबु मोईत को मदीना के यहूदी पंडितों के पास
भेजा ताकि उनसे अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम के बारे में पूछें।
यहूदियों ने उन दोनों से कहा कि तुम लोग उस से तीन बातें पूछो अगर वह तुम को इनकी
सही ख़बर दे तो समझ लो कि वह अल्लाह का नबी है :
१ -उन युवाओं के बारे में पूछो जो पिछले ज़माने में गुज़र चुके हैं , उनका क्या मामला था ? (पुराने समय में कुछ नौजवान थे जिन्हों ने अपने ईमान बचाने लिए
एक ग़ार में पनाह लिया था और तीन सौ नौ वर्षों
तक सोये रहे थे और जब वह जगे तो उनको लगा कि
वह दिन के कुछ पहर ही सोये हैं . )
२ - उस से उस आदमी के बारे में पूछो जिसने
पूरब और पश्चिम समस्त भूमी का दौरा किया था। (ज़ुलक़रनैन के बारे में)
३ - तुम लोग उस से रूह (आत्मा)बारे में पूछो कि उसका सत्य क्या है ?
वह दोनों मक्का आये और अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम से यह तीनों प्रश्न किये ,
आप ने उनसे कहा : मैं इन तीनों प्रश्नों
का उत्तर तुम को कल दूंगा , और आप ने ईनशाअ अल्लाह नहीं कहा तो पंद्रह दिनों तक वही का आना
बंद रहा जिसकी वजह से आप बहुत ज़्यादा परेशान और दुखी हुए ,
फिर सूरह कहफ़ नाज़िल हुई जिसमें अल्लाह की तरफ से अपने रसूल सल्लल्लाहो अलैहे
वसल्लम की ताईद में इन तीनों प्रश्नों का उत्तर
दिया गया है।