बुधवार, 7 अक्तूबर 2009

अँधेरी दुनिया की किरण

जब दुनिया घनघोर अंधेर में डूबी हुई थी ज़ुल्म , हत्या , चोरी चकारी, अपशगुन , मासूम बेटियों को जिंदा ज़मीन में गाड़ देना एवं इन जैसी अनेक और अनगिनत बुराइयाँ और महा पाप आम हो गया था, एवं एक अल्लाह के बजाए अनेक प्राणी एवं जीव जंतुओं की पूजा की जाने लगी थी उस वक़्त अल्लाह ताला ने अपने रसूल (दूत) मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम को दुनिया को इन बुराइयों से पाक करने और मनुष्यता को ज़ुल्म और पाप से निकालने के लिए एवंम मनुष्य को एक अल्लाह की पूजा के लिए बुलाने की खातिर अंतिम संदेष्ठा के रूप में भेजा ! जिन्होंने अपने दायित्व को पूर्ण रूप से पूरा किया और दुनिया को पाप और ज़ुल्म के अँधेरे से निकल कर पुण्य और न्याय के मार्ग पर चलने के लिए उनका पूर्ण रूप से मार्गदर्शन किया, फिर देखते ही देखते सम्पूर्ण विश्व इस किरन के उज्यारों से भर गया !
हम अगले पन्नों में इस महान व्यक्ति के जीवन का वोह तथ्य आपके समक्ष रखेंगे जिसने दुनिया को शांन्ति एवं सौहार्द की ऐसी शिक्षा दी कि उस से पूर्व किसी भी धर्म अथवा संस्कृति ने नहीं दिया , और न हीं उसके बाद ही किसी ने ऐसी शिक्षा पेश की ! आइये हम उस महान व्यक्ति के जीवन का अध्ययन करके अपने जीवन को सुधार के मार्ग पर लाने की कोशिश करें !

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें